जबलपुर। = औंरंगाबाद में शुक्रवार को रेल हादसे में मारे गए मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों के शवों को लेकर विशेष ट्रेन शनिवार की दोपहर जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन में मृत मजदूरों के अलावा एमपी और यूपी के 1329 श्रमिक भी साथ आए। शवों को ट्रेन से ही शहडोल भेजा गया जबकि अन्य मजदूर बसों में बैठकर अपने घरों के लिए रवाना हुए।शहडोल और उमरिया जिलों के 16 मजदूरों के शवों को लेकर ट्रेन शहडोल रवाना हुई। शासन ने पहले श्रमिको के शवों को जबलपुर से सड़क मार्ग द्वारा शहडोल भेजने का निर्णय लिया था लेकिन बाद में उन्हें ट्रेन से ही भेजा गया। हालांकि, अन्य मजदूरों को उनके घरों तक भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन की ढीली व्यवस्था से मजदूर परेशान दिखे।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 1329 मजदूरों को जबलपुर से उनके गृह निवास भेजने की व्यवस्था करने का जिम्मा स्थानीय प्रशासन को दिया गया था, लेकिन मजदूरों को इसके लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। मजदूरों में महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल थे। इस भीषण गर्मी में प्रशासन द्वारा समय रहते इंतजाम नहीं करने से मजदूर परेशान हुए और अपनी नाराजगी जाहिर की।
औंरंगाबाद से मजदूरों को लेकर चली विशेष ट्रेन में मजदूरों से किराया नही लिया गया। ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्था भी रेलवे ने की थी। जबलपुर के कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि 50 बसों में मजदूरों को भिंड, दतिया, बालाघाट, सिवनी, मंडला और उत्तरप्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा गया। मजदूरों को बसों में बिठाने से पहले उनका मेडिकल चेकअप किया गया और पर्सनल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें भेजा गया। मण्डला जिले के 2 घायल श्रमिको को एम्बुलेंस से मंडला भेजा गया।
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